The Yash Pathak Poems

Hit Title Date Added
1.
भटकता मुसाफ़िर

'ख़्वाबों के दरिया में तैरता हूँ मैं,
हक़ीक़त के किनारों से डरता हूँ मैं।

रात की चाँदनी में राहें आसान लगती हैं,
...

2.
आईने का सच

कितनी कोशिश की के चेहरा ना उदास आए मुझे,
फिर भी आईना हमेशा बेनक़ाब आए मुझे।

लोग कहते हैं यहाँ हर दर्द का होता इलाज,
...

Close
Error Success