अधूरा ये खुदरंगी भी ना साहब किसी काम की नहीं आज कल शराब ही बनो तो ठीक है।। ये खुदरंगी भी ना साहब किसी काम की नहीं आज कल शराब ही बनो तो ठीक है।। 📖 तरुण बडघैया✍️ तरुण बडघैया✍️
कटाक्ष...। मैंने तेरे खिल्लियो की रूई से एक मखमल सी चादर बनाई, और ओढ़ के सो गया।। 📖तरुण बडघैया✍️.