Grew up as man's greed,
As air turned acrid,
As man failed warning to read….
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AS PER INTERNET HIND VERSION SIR दीवार पर लेखन - अनिरुद्ध पाठक की कविता आदमी के लालच के रूप में ऊपर उठा, जैसे-जैसे हवा तीखी होती गई, जैसा कि आदमी पढ़ने की चेतावनी देने में विफल रहा...
Member: The Poet Poet Comment: AS PER INTERNET HIND VERSION SIR दीवार पर लेखन - अनिरुद्ध पाठक की कविता आदमी के लालच के रूप में ऊपर उठा, जैसे-जैसे हवा तीखी होती गई, जैसा कि आदमी पढ़ने की चेतावनी देने में विफल रहा... .... Excellent. You have taken it seriously. If only mankind as a whole does it. Thank you.