सच्ची दीवाली: आओ मिलकर दीप जलाएँ Poem by Vivek Tiwari

सच्ची दीवाली: आओ मिलकर दीप जलाएँ

आओ मिलकर दीप जलाएँ
घर-घर खुशहाली फैलाएं ।
श्री राम सिया के घर आने का
एक साथ उल्लास मनाएं।।
बिना पटाखे की दिवाली
पशु पक्षी सबकी खुशहाली।
पर्यावरण प्रदूषित न हो
रहे धरा में भी हरियाली।।
फूलों की रंगोली चौखट पर
पग-पग दीपों की पाँती।
कुछ मिठास खाने में बांटें
कुछ बनकर दुखियों के साथी।।
आओ आज प्रतिज्ञा लें हम
अंधकार से लडने का।
सच के साथ खड़े रहने का
श्री राम राह पर चलने का।।

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Vivek Tiwari

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Gaura (R.S.) Pratapgarh
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