Saturday, September 30, 2023

माफ़ी मिल रही हर बार है, इतनी! क्यों-कर, ये जुर्रत बार बार है? Comments

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ये यकीन और उम्मीद की बात है,
पर घायल ही दोनो साथ साथ है,
इस इश्क़. को जाने अनजाने आज़माया है,
इसका अंदाज़ जुदा जुदा ही पाया है,
...
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Saroj Gautam
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