Saturday, September 30, 2023

मेरे हितैषी! Comments

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मेरे हितैषी! आ गए मेरे द्वार! चलों करें स्वागत सत्कार!
बढ़ा होगा तुम्हारी वाणी का श्रंगार! जाने हम, पैनी धार!
बता दूं, एक बेचारा, था हारा! खुल्ले आम गया मारा!
जो कर गए, न था गंवारा! चूंकि समय संग गुजारा!
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Saroj Gautam
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