मैं सही रहता हूँ सिर्फ मेरे पास Poem by Sankhajit Bhattacharjee

मैं सही रहता हूँ सिर्फ मेरे पास

मैं सही रहता हूँ सिर्फ मेरे पास, आपके पास नहीं|
आपके सामने सही रहकर पीछे से गलत काम करना कभी सही नहीं|


ईमानदार इंसान वही है, जो खुद के पास सही रहता है|
पूरे समाज के सामने जो सही रहता है, वह राजा बनता है|

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