कमेंट बॉक्स Poem by Sankhajit Bhattacharjee

कमेंट बॉक्स

मैं कविताएं लिखता हूँ

खुद को शांति देने के लिए|

मेरी कविताएं को लेकर

कौन क्या बोल रहा है

इसे मेरा क्या?

मैं कमेंट बॉक्स कभी नहीं पढ़ता हूँ-

शांति टूट जायेगी इस डर से नहीं,

बल्कि दूसरों को शांति नहीं मिली,

यह सोचकर अफ़सोस होगा|

अपनी शांति अपने पास

और मेरी कविताएं, मेरी शांति|

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