खुशियों में दर्द का मिलन! Poem by Sanji-Paul Arvind

खुशियों में दर्द का मिलन!

आपका दिल में यूँ आना जाना,
मुसीबत हो जाता है जीना।
चुरालिया मेरे दिल से खुशियों का खजाना,
नहीं आती है हमें मनाना।

आपके बिना अधूरा सा लगता है,
जैसे खुशबू बिना फूल।
आपके साथ जो भी मिल झूलता है,
वो खुद को भूल जाता है।

आपके साथ बिताए हर लम्हे को,
चुरा लूँ मैं यादों के दुनिया से।
बस तुझसे ही है ज़िंदगी की खुशबू,
आपके साथ तो सब कुछ है सुहाना, हैं मेरी आरज़ू।

आपसे दूर होकर भी आप ही हैं मेरे साथ,
हर खुशी में आपकी यादों में हैं मेरी बात।
दिल की बातें ना कह पाए,
इस दर्द को हम सिर्फ महसूस करते हैं।

कभी खुद से भी नफरत होने लगी है,
आपके बिना हर पल अधूरा सा लगता है।
आपकी याद के साये में जी रहा हूँ,
इस दर्द को कैसे छुपाऊं, समझ नहीं आता है।

हर पल आपकी यादों में खो जाते हैं,
आँखों से निकलते आंसुओं को छुपाते हैं।
आपकी मुस्कान में छुपी है जो खुशबू,
जिससे ज़िंदगी रोशन होती है और ग़म भी भूल जाते हैं।

आपके बिना ये दिल अधूरा सा है,
जैसे चाँद बिना रात का सुकून।
हर लम्हा आपकी तलाश में गुजारता हूँ,
आपकी यादों में मिलती हैं ज़िंदगी का जुनून।

कभी न सोचा था ऐसे हो जाएगा,
की आपके प्यार में हम खुद को भूल जाएंगे।
पर ये दर्द भी कुछ खास है,
क्योंकि इस दर्द में भी आपका साया छुपा है।

लिखित
संजी-पॉल अरविन्द

By
Sanji-Paul Arvind

Tuesday, November 26, 2024
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