(ये कविता उस समय लिखी गयी थी जब मोबाइल फोन को भारत में launch हुए लगभग एक साल बीता था | याद कीजिए उन पुराने दिनों को और इस कविता का स्वाद लीजिए |)
जब मैने बैंक का नया account खुलवाया
तो form में address के साथ mobile नंबर का जिक्र आया,
मैने Column को blank छोड़ा
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मोबाइल फोन के बहाने आपने बहुत रोचक अंदाज़ में मध्यम वर्ग की मानसिकता का खुलासा किया है. आपकी व्यंग्यात्मक कविता हिंदी साहित्य का मान बढ़ाने वाली रचना है. धन्यवाद, राकेश जी. आपकी कुछ पंक्तियाँ उद्धृत कर रहा हूँ: हम ढुंढ रहे status और दौलत में मन की शांति / मानव मन की ये है कितनी बड़ी भ्रांति / असली सुख और संतोष तो है मन के अंदर,