Friday, March 13, 2015

Naye Jamane Ka Sach Comments

Rating: 5.0

(ये कविता उस समय लिखी गयी थी जब मोबाइल फोन को भारत में launch हुए लगभग एक साल बीता था | याद कीजिए उन पुराने दिनों को और इस कविता का स्वाद लीजिए |)
जब मैने बैंक का नया account खुलवाया
तो form में address के साथ mobile नंबर का जिक्र आया,
मैने Column को blank छोड़ा
...
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Rakesh Sinha
COMMENTS
Rajnish Manga 13 March 2015

मोबाइल फोन के बहाने आपने बहुत रोचक अंदाज़ में मध्यम वर्ग की मानसिकता का खुलासा किया है. आपकी व्यंग्यात्मक कविता हिंदी साहित्य का मान बढ़ाने वाली रचना है. धन्यवाद, राकेश जी. आपकी कुछ पंक्तियाँ उद्धृत कर रहा हूँ: हम ढुंढ रहे status और दौलत में मन की शांति / मानव मन की ये है कितनी बड़ी भ्रांति / असली सुख और संतोष तो है मन के अंदर,

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