मुंबई की यह न थमनेवाली बरसात,
दिलाती है याद 26 July 2005 की वह भयावह रात,
जब इंद्र का कोप इस महानगरी पर बरसा था,
और हर मुंबईवासी अपने घर पहुंचने को तरसा था |
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विकास की अंधी दौड़ में मीठी नदी को नाला मत बनाओ,
अपने जीवन से प्लास्टिक की थैलियों को दूर भगाओ |
प्रकृति के इस संदेश को पहचानो,
पहाड़ों, नदियों और पेड़ों के मर्म को जानो |
नदियों को पाटकर और पेड़ों-पहाड़ों को काटकर,
जो बन रहे हैं आलीशान residential complex और shopping mall,
कहीं चुकाना न पड़े इन सबका मूल्य विकराल,
प्रकृति तथा विकास का बनाए रखो संतुलन,
तभी खुशहाल होगा हमारा जनजीवन |
bahut hi sundar sandesh.......
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विकास की अंधी दौड़ में मीठी नदी को नाला मत बनाओ, अपने जीवन से प्लास्टिक की थैलियों को दूर भगाओ | प्रकृति के इस संदेश को पहचानो, पहाड़ों, नदियों और पेड़ों के मर्म को जानो | नदियों को पाटकर और पेड़ों-पहाड़ों को काटकर, जो बन रहे हैं आलीशान residential complex और shopping mall, कहीं चुकाना न पड़े इन सबका मूल्य विकराल, प्रकृति तथा विकास का बनाए रखो संतुलन, तभी खुशहाल होगा हमारा जनजीवन | bahut hi sundar sandesh.......