Wo aakelapan haan mera aakelapan
Mujhe samajhdar bana deta zaroor
Par phir bhi mai kinara dhoond raha
Dhoondh raha ki koi mujhe bhi samjhe
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आपका बहुत-बहुत आभार कि आपने फिर से मेरी छोटी सी कल्पना को एक विशाल रूप दिया और उसे अपने प्यारे से शब्दों की माला पहना कर उसका मान सम्मान बढ़ाया शायद इसे किस्मत कहते हैं कि मैंने एक ख्याल लिखा और आपने पूरी किताब और वो ख्याल जो कभी " अकेला" था आज पूरा हो गया।। मैं आज धन्य हो गया और आपका फिर से बहुत - बहुत आभार कि एक आपने इतनी बेहतरीन रचना के द्वारा हम सब को आनंदित किया स्टार *******10000++जितने भी दिये जाए उतना कम हैं ।।
Wah wah ye akelapan bhi ajeeb hai... Par chandni aur baharon ka Jo naayab hai har cheez se Bakhoob dhyan rakhti mera Chahe jo bhi ho mere mijaz Kabhi lagane nahi deti mujhe Ke mai akela hoon iss pal.