मेरे दिल के कब्रिस्तान में Poem by M. Asim Nehal

मेरे दिल के कब्रिस्तान में

Rating: 5.0

मेरे दिल के कब्रिस्तान की गहराइयों में
भावनाओं का एक ज्वालामुखी दबा हुआ है
प्रत्येक के पास बताने के लिए एक कहानी है,
जो किसी स्मृति से जुड़ी हुई है जिसमे जीवन का सुन्दर
और कभी न ख़त्म होने वाला हिंडोला है ।

कुछ कब्रें खुशी के फूलों से सजी हैं
जबकि कुछ अन्य दर्द और विश्वासघात से बंजर हैं
कुछ धूल और गंदगी की परतों के नीचे हैं
और कुछ दबे हुए रहस्य और टूटे सपने लिए हैं।

और जैसे-जैसे मैं इस दिल के कब्रिस्तान में घूमता हूँ
कुछ क्षणो को स्पष्टता से देख चकित सा रह जाता हूं
हालाँकि ये भावनाएँ दब गईं और ख़त्म हो गईं हैं
फिर भी इनका प्रभाव मेरे अस्तित्व को निखारने में प्रबल रहा है।

मेरे दिल का कब्रिस्तान मेरी कृपा का प्रतिबिंब है
इसने मेरी आत्मा को मजबूत किया है
हालाँकि आज यह एक उदास जगह की तरह लग रहा है,
अब इस कब्रिस्तान में मुझे पूर्ण शांति मिलती है
एक ऐसी जिसका मैंने बड़ी बेसब्री से इंतज़ार किया है

This is a translation of the poem In My Heart's Graveyard by M. Asim Nehal
Sunday, January 14, 2024
Topic(s) of this poem: philosophical
COMMENTS OF THE POEM
Deepak S S 14 January 2024

Ati uttam kavita.

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