Kindness (दयालुता) Poem by Ashish Singh

Kindness (दयालुता)

दिल तेरा दुखाया हो किसी ने
तो भी उसको माफ कर जाना
मिटा सारे गिले शिकवे उसको गले से लगाना

भुखे हो खुद फिर भी
किसी के साथ शेयर कर जाना
हो सके तो दो निवाले अपने हाथ से खिलाना

गिरा पड़ा हो कोई रास्ते मे तो
उसको जरूर से उठाना
हो सके तो पुछ ठिकाना घर पहुंचा आना

पकड़ हाथ किसी का रास्ता पार करा जाना
एक ही हो रास्ता तो दो कदम साथ चले जाना

गिरा हो कोई घोसला किसी डाल से अगर
चल ना देना तुम टाल के मगर

सताए कोई बेजुबान को तोह चुप ना बैठना
प्यार से समझाना पहले उसे ज्यादा ना ऐठना

कोई कुछ सामान जो घर पे देने आए
क्या बिगड़े जो एक ग्लास पानी उसे पुछी जाए

किसी जरूरतमंद की बिना स्वार्थ मदद की जाए
देखो कितना आंनद फिर मन तेरा पाए

Kindness वो एहसास नही जो झुठा दिखाएगा
ये तभी बाहर आयेगा जब मन के अंदर आयेगा

©आशीष सिंह

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