जैसे रेशमी किरणों से नहाती है धरती चाँदनी रात में।
वैसे हीं मेरा मन भींगता है आपकी यादों की बरसात में।
तनहाइ के अंधेरों में भी दिल में तेरी तस्वीर ऐसे चमकती है।
जैसे अमावस्या की रात झिलमिलाती है ताराें की बारात में।
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