Monday, April 17, 2017

Khayalon Ke Samandar (समंदर) Comments

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कभी ख़ुशी कभी ग़म दे जाती ये खयालो की दुनिया
कभी पुरानी यादों की बारात ले आती ख़यालों की दुनिया
कभी आँखों में खुशियों के सपने भर जाती खयालों की दुनिया
कभी खोकर अतीत के झरोखों में छलक जाती आँखे बह जाते आंसू
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Pushpa P.
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