"झुठा कहींका, बेईमान कहींका "
रविवार, २२ नवंबर २०२०
"झुठा कहींका, बेईमान कहींका "
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Poem: 59661059 - " झुठा कहींका, बेईमान कहींका " Member: M Asim Nehal Comment: Bahut khoob, aapne jhanjor kar rakh diya jeevan ke is katu anubhav se.10***
Bahut khoob, aapne jhanjor kar rakh diya jeevan ke is katu anubhav se.10***
बनी रहेगी आपके बारे में चकचार आप संगीन होते हुए भी दिखोगे लाचार। डॉ. जाडिआ हसमुख
नहीं रखना हमें कोई वेरभावना बस एक ही रखनी है खेवना ना हो जाय किसीका बुरा बस भला ही हो सबका पुरा।.....सही बात है जी । हमे वेरभावना नहीं रखना है, किसिका बुरा नहीं सोचना है । बहुत सुंदर गीत आपने लिखा है जी । सुकरिया । फाइब स्टार्स ।.