आंसू लिए फिरता हूं Poem by Horeram Tanti

आंसू लिए फिरता हूं

आंखों में आसूं लिए फिरता हूं
किसी को देखने की तमन्ना में
एक छलक आंखों में उतारने उसे
इधर उधर चला फिरता हूं

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