आज अपने ही खटकने लग गए
रिश्ते नाज़ुक थे चटकने लग गए
रास्तों की मुश्किलें हल हो गईं
आके मंज़िल पर भटकने लग गए
...
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Aap se daad milna mere liye ashirwad ke samaan hai. behad mashkoor hun aapka, Akhtar Jawad Sahab.
इस ग़ज़ल को मै अपने Favourite poem list में शामिल कर रहा हूँ, उम्मीद है आपको कोई एतराज़ न होगा
लिस्ट में नाम दर्ज हो गया मतलब आपने मुझे अपने दिल में जगह दी. आपने मेरा मान रखा. हार्दिक धन्यवाद, आसिम जी.
Kya baat hai....... इस ख्याल के लिए मै आपको बधाई देता हूँ......100+++ रास्तों की मुश्किलें हल हो गईं आके मंज़िल पर भटकने लग गए......Wah wah wah....
आपसे समर्थन मिलना मेरे लिये बड़ा मायना रखता है. हौसलाअफज़ाई का शुक्रिया, आसिम जी.
Kya baat hai Rajnish Sir Ji, रास्तों की मुश्किलें हल हो गईं आके मंज़िल पर भटकने लग गए beautiful lines tabiyat khush ho gyi... Abhi humein bahut kuch seekhna hai aapse.... Aashirwaad dijiye...