Wednesday, January 29, 2025

बधैया Comments

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अवधपुरी महं प्रकट भये रामचन्द्र रघुरैया रे।
चलो चलो हम देखि आवैं परमानंद सुखदैया रे।
प्रति गृह द्वार नगाड़े बाजत, महामंगल बधैया रे।
हर्षावत सब उमंग आनंद भरि, गावत करि ता -ता थैया रे।
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Dr. Navin Kumar Upadhyay
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