Friday, November 8, 2019

Dosti Ke Nam Comments

Rating: 5.0

दोस्ती के नाम
हे इश्वर तू इतनाभी प्यार न दे मुझे

कीतेरे लिखे स्नेह पत्र की आग बुझाने में मेरी असुवन धार भी कम पड जाये
...
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Pushpa P.
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Rajnish Manga 02 January 2020

इस कविता में भी शब्द जुड़े हुए हैं. पूरी की पूरी लाइन ही एक बड़े शब्द की भांति नज़र आ रही है जैसे: " सुनाहैबेहदलम्बासफ़रहोताहैतुझतकपहुचनेकाउसलम्बीराहों परअपनीयेमीठीयादेंसहला" कविता में आध्यात्मिक तत्व का सर्वत्र विस्तार है. कवि ईश्वर से जीवन और मृत्यु के बारे में संवाद करता है और अंत में जीवन को सार्थक बनाना चाहता है. बहुत सुन्दर. धन्यवाद बहन.

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