है अपनी चमक में रूखे दिलदार दिवाली
पहलू में हुई रात के बेदार दिवाली
रोग़न है मोहब्बत का दिए जिससे जले हैं
बस जाये दिलों में ये चमकदार दिवाली
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जब आती है ये मिटते हैं नफरत के अँधेरे है प्यार के क़ाबिल ये वफादार दिवाली सिक्कों से नहीं दिल से वो दिल जीतने वाला है ऐसे खिलाड़ी की तलबगार दिवाली - दिवाली पर एक दमकता गीत, भई वाह!
Souren Mondel ji thanks for liking poem.Happy diwali to you and your family
A very nice ghazal on the festival of lights... Thank you for sharing and happy deewali :)
I thank you very much sir for liking poem happy Diwali to you and your family
bahut si khubsurati se waya kiya aapne dipawali ko........ जब आती है ये मिटते हैं नफरत के अँधेरे है प्यार के क़ाबिल ये वफादार दिवाली सिक्कों से नहीं दिल से वो दिल जीतने वाला है ऐसे खिलाड़ी की तलबगार दिवाली ye panktiyan sidhe dil me utarti hain