Friday, July 18, 2014

Childhood Comments

Rating: 3.5

एक बचपन का ज़माना था, खुशियों का खज़ाना था,
चाहत चाँद को पाने की, दिल तितली का दीवाना था
खबर न थी कुछ सुबह की, न शाम का ठिकाना था,
थक हार के आना स्कूल से, पार्क खेलने भी जाना था,
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amit yadav
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amit yadav

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lucknow(uttar pradesh)
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