बहना Poem by Ashish Singh

बहना

बहना

मां की जगह ऐसै तो कोई नही ले सकता
लेकिन एक इंसान है जो काफी हद तक
मां की जगह पुरी कर जाती है
वो होती है बहन
हाँ प्यारी बहन
अगर आपकी बहन आपकी दोस्त है ना
तो सच मे आपको किसी की जरूरत नही फिर
घर मे सबसे ज्यादा वो साथ निभाती है
जरूरत के हिसाब से समझती भी है
और समझाती भी है
हाँ लड़ती बेहिसाब है ये बात अलग है
लेकिन कोई ओर आपको कुछ बोले
तो उसकी फिर खैर नहीं
मां की मार पापा की डांट मे मरहम है बहन
आपकी बेस्ट फ्रेंड है बहन
हाँ कभी गालिया देकर बुलाती है
अपनी पाकेट मनी भी तो आपको दे जाती है
जब आने मे देर हो आपको
घर पे सौ बहाने आपके लिए बनाती है
जितनी भी रात को बोलो मैगी बना कर खिलाती है
राखी हो या जन्म दिन तोहफे की डिमांड लगाती है
छोड़ तू क्या ही देगा बोल
इज्जत भी उतार जाती है
पर जो भी हो घर मे रौनक बहने ही लाती है
छोड़ एक दिन अकेला जब वो ससुराल चली जाती है
सच बोल रहा हु बहन बहोत याद आती है

© Mysterious Writer

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