मेरे माता पिता Poem by Ashish Singh

मेरे माता पिता

बनाता होगा भगवान किसी को
मुझको मेरे मां पापा ने बनाया है
इसलिए उनका रूप, रंग, गुण
मुझमे मिल जुल कर आया है

उनका हर एक वचन मैंने
सिर माथे पे उठाया है
उन्होने ही तो मेरी खुशियो के लिए
अपना सब कुछ गवाया है

इस दुनिया मे जहा भाई भी
एक दुसरे से जलते है
अपने से ऊंचा उठते हुए
पापा ही है जो देख खुश होते है

दुनिया से तो छोड़ो वो तो
भगवान से भी लड़ जाते है
बात जब मेरी आती है मेरी मां
जाने क्या कुछ ना कर जाती है

मां की ममता को शब्दो मे तोल जाऊ
इतना बड़ा नही मैं की मां पे कुछ बोल पाऊ

गलती हो बच्चो की तो भी
मां पापा ही रोते है
तकलीफ जरा भी हो बच्चो को तो
जाने कितनी रात खुद ना सोते है

अपने सपनो को दफना कर
झुर्रीया अपने बदन पर सजाते है
किया ही क्या है हम बच्चे
कितनी आसानी से कह जाते है

मुझपे हमेशा डांट पिता की
मां की ममता का लाड बरसता रहे
कभी ना भरे मन मेरा
हमेशा थोड़ा और को तरसता रहे

सिर रहे जहा मे उंचा उनका
ऐसा कुछ मैं कर जाऊ
हंसी खिले चेहरे पे उनके
भुले से भी दिल ना दुखा जाऊ! ! !

©आशीष सिंह

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