दिलों की एहसास जिन्दगी Poem by Anant Yadav anyanant

दिलों की एहसास जिन्दगी

कभी जोड़ी कभी तोड़ी
दिलो की एहसास ए जिन्दगी
कहती कभी सुनती कभी
पुराने बीते अफसाने ये जिन्दगी
उलझाती कभी सुलझाती,
किताबों के पन्नों में पढ़ी कहानी सी है,
ये जिन्दगी
मिलती कभी बिछड़ती कभी,
न जानें अजनबी अनजाने प्रेम सी है,
ये जिन्दगी
रोकती कभी टोकती कभी
बहन के रिश्तों सी है, ये जिन्दगी
जिताती तो कभी हराती,
सक्षात सखा सी है ये जिन्दगी
डांटती कभी बाटती दर्द
बहकती कभी महकती
फूलों भौरों सी है ये जिन्दगी
भ्रमण करती
खिलती कभी मुरझाती
सुमन के भांति ये जिन्दगी।

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