||वो सब कुछ लिखूंगा जो अभी लिखना शेष है|| Poem by Anand Prabhat Mishra

||वो सब कुछ लिखूंगा जो अभी लिखना शेष है||

||वो सब कुछ लिखूंगा
जो अभी लिखना शेष है||


वो सब कुछ लिखूंगा
जो अभी लिखना शेष है
अधूरी मुलाकात
चंद पलों का साथ
और मिलने से पहले
छूटे हाथ
दिल में पड़े वो जो
प्रेम के अवशेष हैं
वो सब कुछ लिखूंगा
जो अभी लिखना शेष है
दर्पण से नजरें चुराना
पलकों से आंसुओं
का राज छुपाना
होठों पर झुठी
मुस्कान सजाना
दिन के उजालों में
कमरे में रात सजाना
पायल के झुन झुन में
तुम्हारी यादों का
समावेश है
वो सब कुछ लिखूंगा
जो अभी लिखना शेष है


|| आनन्द प्रभात मिश्र ||

Sunday, July 14, 2024
Topic(s) of this poem: hindi,poetry,write,light poetry,affinity and love
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