Saturday, September 21, 2024

|| मेरे तुम्हारे संवादों में || Comments

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मेरे तुम्हारे संवादों में बहुत छोटा सा किन्तु प्यारा सा
होता है एक क्षण ऐसा,
बंद कलियों के भीतर समाया हो कल आने वाले भंवरे का इंतजार जैसा..
खिलकर फूल वादियों को महकाते हैं खुशबुओं का सौगात दे कर,
...
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Anand Prabhat Mishra
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