aapka saath आपका साथ Poem by Shiv Abhishek Pande

aapka saath आपका साथ

Rating: 3.0

आपका साथ अर्सो पुराना लगता है
वर्ना तो कभी कभी अपना भी बेगाना लगता है
आपके साथ भूल जाते है सारे गम
वैसे तो गमों से नाता पुराना लगता है

आपसे दोस्ती एसी है हमारी
जैसे दोस्ती का नया जमाना लगाता है
बड़ी आसानी से मिल गए तुम मेरे दोस्त
खुदा को मेरा खूश रहना गवारा लगता है

आपकी फ़ितरत के कम हि होते है इस जहांन मे
आप जैसे दोस्तों को पल्को पे बैठना भी कम लगता है
आप दोस्त है हमारे इस से इतराकर
हमे तो हर रिश्ता बचकाना लगता है

आपका का वो जोर से हसंना कभी कभी गुस्सा होना
हमें तो खूदा का करीब आना लगता है
आप क्या जाने आप क्या है हमारे लिए
आपको भूलना तो मर जाना लगता है

आपसे बस इतंना ही कहना है मेरे यार
आपका इस जहान मे आना और हमारा दोस्ताना
ये हमे तो कोइ फ़साना पुराना लगता है
आपका साथ अर्सों पुराना लगता है.......
.........

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