Saturday, February 27, 2016

A-029. अपने ही अपने न हुए Comments

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अपने ही न हुए अपने दूसरों से क्या शिकवा
किसको मैं कहूँ अपना किसको कहूँ मितवा

जिंदगी ही दे डाली अपनों को उनकी खातिर
...
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Amrit Pal Singh Gogia
COMMENTS
Rajnish Manga 17 June 2016

'स्यानप भी धरी रह जाती है बुद्धि हार जाती है'. बहुत बढ़िया उक्ति. पढ़ने का आनंद देने वाली एक बेहतरीन कविता. धन्यवाद.

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Amrit Pal Singh Gogia

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