Saturday, July 30, 2016

A-021. कभी कभी आया करो Comments

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ऐसे ही कभी कभी आया करो 30.7.16—3.38AM

ऐसे ही कभी कभी आया करो
बाँहों में मेरी समा जाया करो
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Amrit Pal Singh Gogia
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Rajnish Manga 30 July 2016

जीवन यात्रा के चंद सुनहरी पन्नो की इबारत पढ़ना एक सुखद अनुभव से गुज़रने के समान है. इंसान की सारी इच्छायें पूरी नहीं हो पातीं लेकिन इससे उनका महत्व कण नहीं हो जाता. सुंदर यादें हमारी धरोहर हैं. शुक्रिया. सात जन्म के फेरे भी ले डाले थे (पर) मुझे पता है हम कभी एक न हो पाएँगे

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Amrit Pal Singh Gogia

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