पर कथा अब दुहराऊंगा, फिर व्यथा वही दिखलाऊंगा,
जो तडपाते है सबको, मै उनको तडपाउँगा.....
मै अग्निदूत, विष से विभूत, हर शोषक को मै हू डसता...
मै परम मूर्ख, दुःख से विभूत.... मै असत्य का पालनकर्ता..........
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