Sunday, August 2, 2015

फिर से कहो Comments

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फिर से कहो:
इश्क़ की करदी है तुमने इन्तिहा फिर से कहो
जो कहा तुमने बहोत अच्छा लगा फिर से कहो
...
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Suhail Kakorvi
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Ajay Kumar Adarsh 18 August 2016

bahut hi sundar gazal likha hai aapne suhail sir...

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Rajnish Manga 27 October 2015

आपकी गज़लें कमाल की हैं और अदब की दुनिया में अज़ीम मुकाम रखती हैं, सुहैल साहब. मेरी ओर से मुबारकबाद और शुक्रिया क़ुबूल फरमाएं. आपकी ग़ज़ल का यह शे'र बतौरे-ख़ास quote कर रहा हूँ: ज़िन्दगी बर्बाद होना भी है हुस्ने ज़िन्दगी बात ये भी खूब है जाने वफ़ा फिर से कहो

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Suhail Kakorvi

Suhail Kakorvi

Lucknow
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