अपनी इबादत पर मुझे बस इतना तो यकीन है, Poem by Abhishek Omprakash Mishra

अपनी इबादत पर मुझे बस इतना तो यकीन है,

अपनी इबादत पर मुझे बस इतना तो यकीन है,
की मेरी ये दुआएं तुम्हे किसी दूसरे का होने नहीं देंगी..

Friday, January 16, 2015
Topic(s) of this poem: love and pain
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