तेरा नाम जो भी हो सुंदरी Poem by Dr. Ravipal Bharshankar

तेरा नाम जो भी हो सुंदरी

Rating: 5.0

तेरा नाम जो भी हो सुंदरी
सुंदरता का तु लफ्ज़ है आखरी

ना कोई गजरा, काजल झुमका
कहानीयों में सुना है ऐसी तु परी

तेरी बोली सरगमी बांसुरी, नैनो की चमक है चंदेरी
रूप का तु है खज़ाना, क्या देखु जमाना
तेेरे अंग अंग में नजाकत है भरी

कहते है अभागन, होता है हुस्न दामन
कोई बहाना कभी ना बनाना, प्यार का  दिल में है नजराना
जिस्म के जंजाल से, परे है तु अगर

(डॉ. रविपाल भारशंकर)

Tuesday, December 30, 2014
Topic(s) of this poem: love
COMMENTS OF THE POEM
Akhtar Jawad 30 December 2014

Tera nam jo bhi ho senderi, Sunderta ka tu lafz hay aakhiri. A beautiful poem.............10

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