Monday, December 29, 2014

अंजान अगन है तु Comments

Rating: 0.0

अंजान अगन हैं तु, अंजाम तपन हूँ मैं
तेरी यादों के बादल घने घने, धुआं धुआं मन है

जाने ना तु मेरे दिल में, तेरी हस्ती क्या है
...
Read full text

Dr. Ravipal Bharshankar
COMMENTS
Close
Error Success