Friday, November 7, 2014

जो दिन बचपन के गुजर गये, वो दिन भी कितने अच्छे थे. Comments

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जो दिन बचपन के गुजर गये, वो दिन भी कितने अच्छे थे.
बस एक लगन थी मिलने की, दिल भी तब अपने सच्चे थे.
मासूम सी चाहत दोनों की, जज्बात भी मानो कच्चे थे.
दिल की हेराफेरी करली, जब दिल से दोनों बच्चे थे.
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Abhishek Omprakash Mishra
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