जीवन के रस्ते; बारात मेरी,
मंज़ील को मैने; दूल्हन पुकारा.
सजके वो डोली में; बैठी ही होगी,
राहो में मेरी; सजदे में मेरी.
कानों में गुंजन; शहनाईयों की,
रस्मों ने मुझको; दूल्हा पुकारा.
मेहमान बनके; आऊँ मैं कैसे,
राहों में मंज़ील; सजदे में तेरी.
होशो हवासो में; देखी वो सुरत,
दर्पण ने जिसको; नर्गिस पुकारा.
संगे-मरमर सी काया; वो खुशबू बिखेरे,
राहों में मेरी; सजदे में मेरी,
मंज़ील वो दुल्हन; नजारों सी होगी,
सितारों ने बक्शी; वो पूनप सी होगी.
कदमों से मेरे वो; सोहबत में चलकर,
वो पहचान मेरी; जमाने में होगी.
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