ऐ मेरे खुदा Poem by Poonam Mehta

ऐ मेरे खुदा

ऐ मेरे खुदा

करता हूँ मैं भी तेरी ही तरह अपना ही करम
फिर तू खुदा कैसे.

करता है जहाँ इबादत तेरी,
और मैं मिटटी का पुतला जैसे.

तुझे तो पत्थर में भी पूजा दुनिया ने,
और मैं जीते जी पत्थर का हुआ कैसे.

करते हैं लोग यहाँ फ़िक्र सिर्फ अपनी,
वहीँ तू सुनता है जहाँ भर के दुखड़े कैसे.

ऐ मेरे खुदा जब तुझमे मैं और मुझमें तू समाया है
तो फिर ये आत्मा परमात्मा के मिलन में देरी कैसे.

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