Monday, June 16, 2014

बेपर्दा ख़्वाब । Comments

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आज सुबह ज़रा कुछ देर से आँख खुली
बालकनी में चाय का कप थामें जब पहुँची
देखा की बग़ीचे में नये गुलाब खिले थे
ज़रा बहन को आवाज़ दी
...
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Ritika Abigail
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