Tuesday, January 21, 2014

महकाएँगे जग को देकर नव सन्देश. Comments

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महकाएँगे जग को देकर नव सन्देश.

हम बच्चे हैं फूल उपवन मेरा देश,
हम महकाएँगे जग को देकर नव सन्देश.
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Brajendra Nath Mishra
COMMENTS
Brajendra Nath Mishra 08 August 2016

आदरणीय आदर्श जी, मेरी इस कविता के लिए आपके सराहना के शब्द मेरे लिए सबसे बड़ा पुरस्कार है. शायद किसी भी सम्मान से कहीं अधिक...आभार...

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Ajay Kumar Adarsh 07 August 2016

बहुत हि सुन्दर कविता है मिश्रा सर

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आदरणीय अजय जी, मेरी इस कविता के लिए आपके सराहना के शब्द मेरे लिए सबसे बड़ा पुरस्कार है. शायद किसी भी सम्मान से कहीं अधिक...आभार...

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Brajendra Nath Mishra

Brajendra Nath Mishra

Gaya, India
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