Tuesday, June 11, 2019

माँ Comments

Rating: 5.0

माँ आपकी बहुत याद आती है
जब भी मैं पहले घबरा जाती थी, तो मां आप मुझे अपने गले लगा लेती थी,
अब जब भी मैं परेशान होती हूँ, तो अकेले एक कोने में बैठ के खूब सारा रो लेती हूँ,
माँ क्यों अपने मन की बात आप से नहीं कर पाती हूँ
...
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Anu Mehta
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anu mehta 16 June 2019

thank you

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Rajnish Manga 11 June 2019

एक बेटी को अपनी मां के स्वरुप में बहुत कुछ सहज ही मिल जाता है- एक साथी, एक सहेली, एक गुरू, एक सहारा तथा और भी बहुत कुछ जिसे पाकर वह स्वयं को धन्य समझती है. लेकिन अपनी मां से जुदा हो कर वह खुद को एकाकी महसूस करती है और उस खालीपन से उबर नहीं पाती. मां के प्रति बेटी के सूक्ष्मतम भावों को समेटे इस रचना के लिए धन्यवाद व बधाई, अनु जी.

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Anu Mehta 13 June 2019

thank you ji

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Anu Mehta 13 June 2019

Thank u so much

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Anu Mehta

Anu Mehta

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