जीवन वर्णमाला Poem by Rinku Tiwari

जीवन वर्णमाला

क से कर्म करो,
ख से खोज करो,
ग से गृह-कार्य करो,
घ से घर जाओ,
ङ से ङ।

च से चलना सीखो,
छ से छोड़ो मदिरा,
ज से जानो हृदय,
झ से झाड़ो गृह,
ञ से ञ।

ट से टालो लड़ाई,
ठ से ठहरो मनुष्य,
ड से डरो मत कभी,
ढ से ढोल बनो मत,
ण से ण।

त से तर्क कर सही,
थ से थल आधार
द से दल मे रहो
ध से धनी बनो
न से नदी बनो

प से प्रेम करो
फ से फल प्रदान
ब से बहस करो
भ से भोजन करो
म से मुक्त रहो।

य से योग करो
र से रोक द्वेष
ल से लोकप्रिय बनो
व से विश्राम कर
श से शांत रहो
ष से षड्यंत्र मत कर,
स से सम्मानित बनो,
ह से हम को जानो
क्ष से क्षत्रिय बनो,
त्र से त्रिलोचन बनो,
ज्ञ से ज्ञानी बनो।

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