पानी का रंग Poem by Sukhbir Singh Alagh

पानी का रंग

पानी के रंग जैसी हैं ये जिंदगी,
इसे जैसे बनाओगे वैसे ही बन जाएगी।

अगर इरादे मजबूत हो तो
आसमान भी छूना मुश्किल नहीं।
अगर हम ही कमजोर हो तो
ये जिंदगी भी हार मान जाएगी।

पानी के रंग जैसी हैं ये जिंदगी,
इसे जैसे बनाओगे वैसे ही बन जाएगी।

किस्मत पे यकीन करना तू छोड़ दे।
बस अपने कर्म करने पर जोर दे।
हर एक पल बड़ा कीमती हैं दोस्त,
बीती घड़ी दोबारा हाथ नहीं आएगी।

पानी के रंग जैसी हैं ये जिंदगी,
इसे जैसे बनाओगे वैसे ही बन जाएगी।

हाथ की लकीरो को
देखने से कुछ नहीं होगा।
दुनिया में वो लोग भी होते हैं,
जिनके हाथ नहीं होते।

चलते रहो अपने मुकाम की और
सफलता एक दिन जरूर हाथ आएगी।

पानी के रंग जैसी हैं ये जिंदगी,
इसे जैसे बनाओगे वैसे ही बन जाएगी।

Tuesday, February 26, 2019
Topic(s) of this poem: dream,life
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