माँ, मेरी खूबसूरत माँ
क्यों सुन्ते ही मन
को शांति मिली ना |
घुटनों से रेंगते- रेंगते, 
फिर उंगली पकड़ कर, 
तुमने मुझे चलना सिखाया |
काला टीका दूध मलाई, 
माँ तू तो ममता का फूल है, 
प्यार करना तेरा उसूल है |
माँ, तेरी ममता की छाँव में, 
मैं आज भी खुद को सुरक्षित
एवं सुकृत महसूस करता हूं |
कोयल सी तेरी बोली, 
तेरे बिना हर चिज़ कोरी, 
माँ इस संसार में सबसे, 
मधुर है तेरी लोरी |
तुम ही मेरी पहली मित्र हो, 
तुम ही मेरी पहली टीचर भी, 
और जब मैं रोया करता था, 
तुम ही मुझे चुप कराती थीं |
जब मैं स्कूल में अव्वल आता था, 
तब तुम्हीं मुझे पुचकारती थीं, 
और मेरी हर शरारत पर, 
मेरा कान खींच कर मारती थीं |
लफ्जों पे उसके कभी बद्दुआ
नहीं होती, माँ एक तू ही तो है
जो कभी ख़फ़ा नहीं होती |
माँ एक तू ही तो है जो कभी, 
अपने काम से छुट्टी नहीं लेती, 
"तेरा मेरा" करते करते "हमारा", 
कहना ये सीख सिखलाती है |
खाना वो पहले हमें खिलाती, 
बाद में वह खुद है खाती, 
हमारी खुशी में खुश होती, 
हमारे दुःख में आंसू बहाती |
अंधियारी रातों में अक्सर मुझको, 
थपकी देकर कभी मुझे सुलाती, 
हमारे जीवन की कल्पना हो तुम, 
ईश्वर की सबसे अच्छी रचना हो तुम |
तेरी दुआओं से रोशन दुनिया मेरी, 
तेरे कदमों तले है जन्नत मेरी, 
मुझे इसके सिवा और क्या चाहिए, 
मेरी माँ मुझे बस तेरी दुआ चाहिए |
आज भी मुझे वो दिन याद हैं, 
जब बुखार में मुझे देखकर, 
तू खाली पेट खूब रोया करती थी |
जब नींद आती थी पढ़ते पढ़ते, 
तो माँ चाय बना दी करती थी, 
हे माँ तू कितनी भोली है रे, 
माँ को नाराज करना हे, 
पागल इंसान तेरी भूल है |
माँ तुम हर किसी की जगह, 
ले सकती हो लेकिन शायद
तुम्हारी जगह कोई नहीं ले सकता |
                                  - राज कश्यप                
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