ऐ मोहब्बत,
तेरे साथ सिर्फ एक "ख्वाब" देखना चाहता हूं,
अपनी पूरी जिंदगी तेरे साथ जीना चाहता हूं ।।
माना तू मोहब्बत हैं मुझसे मोहब्बत नहीं करती,
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एक मुहब्बत भरा दिल अपने अंदर और मुहब्बत भर लेना चाहता है. सांसारिक आदान-प्रदान और सद्भावना के लिए इसके बढ़कर एक इंसान को और क्या चाहिये. महान उदगार समेटे एक श्रेष्ठ रचना. धन्यवाद.
nice one.. good. i liked.. clear 10 मैंने खूब चाहा Tuesday, August 4,2020 9: 49 PM मिल लो एक बार नहीं भूल पाओगे संसार इस में है खूब सार रहो सदा खुश और मिलनसार। डॉ. जाड़िआ हसमुख
Bahoob nibhaya maamoor aur muhabbat ka prem rag. Nam aakhoon se jawab ka intizaar karte reh gaye. Bahoot khoob.
दरख्वास्त से भरी इस कविता में आपने अपने जज़्बात को समिट लिया, बहुत खूब ख्याल है।
Wah wah...badi mohabbat se mohabbat nibhai gyi h. Bahut khoobsurat.