Wednesday, July 29, 2020

नाराज़ शाम Comments

Rating: 2.5

वो दरवाज़ा पीटते रहे
कमरे में दो खिड़कियां भी थी
भाई चार थे हम
वालिद की दो लड़कियां भी थी
...
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Tabish Raza
COMMENTS
Sharad Bhatia 29 July 2020

बेहतरीन रचना, जिसमें एक " अकेलेपन" का दर्द झलकता है, धन्यवाद मित्र बहुत खूबसूरत पंक्तियाँ Rated10+ " वो अकेलापन" " वो अकेलापन" जब कभी अपनों के बीच भी महसूस होता है ।। " वो अकेलापन" जहाँ बातें तो बहुत होती हैं, पर वो बातें " senseless" जैसे सी होती हैं ।। " वो अकेलापन" जहाँ " तेरे" सिवा सब कुछ हैं।।

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Tabish Raza

Tabish Raza

ranchi
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