Sunday, July 12, 2020

दिल ♥ खोलने की चाबियाँ Comments

Rating: 5.0

बज़ाहिर तौर पर इसका इल्म किसी को नहीं कि एक दिल में कितने दरवाजे होते हैं
और कितनी चाबियाँ उन दरवाज़ों को खोल सकती है हां लेकिन मैंने इसका नतीजा देखा है

अगर यह मुख्तलिफ चाबीयों से इसे खोले तो क्या हो सकता है
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M. Asim Nehal
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Datar Frate 17 July 2020

Kamal ki soch lagayi hai , kitne hi tarteeb aur jouhar dekhe, isko padh kar ek umeed aayi hai.

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T Rajan Evol 12 July 2020

Kya baat hai . Andaz e bayan mukhtalif aur bechain karne wali hai.

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Rajnish Manga 12 July 2020

एक खुबसूरत रचना का बेहद खुबसूरत अनुवाद. जैसा अनूठा विषय आपने लिया है उतना ही गहरा व दिलचस्प उसका विश्लेषण है. दिलों के दरवाजे तथा उनकी अलग अलग चाबियाँ.... यह तो कमाल है. धन्यवाद असीम जी.

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M. Asim Nehal

M. Asim Nehal

Nagpur
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