एक पाप के आतंक का अंत
एक आतंक का साया था,
जिसने हर जगह शोर मचाया था।।
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समाज की हर अच्छी बुरी बात का लोग संज्ञान लेते हैं और घटनाओं का विश्लेषण करते हैं. एक दुर्दान अपराधी की पुलिस एनकाउंटर में मौत का आम लोगों ने स्वागत किया है. यह अत्यंत प्रभावशाली कविता है. धन्यवाद.
Vinash a aant sab duwa karte. Tras se rahat har koi cahata hai. Jhoot pe sach ki vijay hamesha hoti hai. Jaisi karni waisi bharni ye hota he hai. Ati uttam lekhan.