एक गाथा मां के प्यार की Poem by Raj Swami

एक गाथा मां के प्यार की

Rating: 5.0

बड़े गीत प्यार के लिखे गए हैं
मेरे प्यार की गीतों वाली पुस्तक में
ये एक और प्यार का गीत है
जो मैने उसके लिए लिखा है
जिसका दिल मेरे दिल के घर में है

अपनी प्यारी मां के लिए
जिसके घुटनों पर बैठकर
प्यार करना मैने सीखा है
जिसकी सेवा करना मेरा फर्ज़ है
जब भूल-भूलैया में रास्ता खो देता हूँ
मेरी मां ध्रुव तारे की तरह रास्ता मुझे दिखाती है

औ मेरी मां, क्योंकी तुम मुझे प्यार करती हो
और मैं तुमसे प्यार करता हूँ
मैने तुम्हारे लिए अपनी कविताओं से ताज बनाया है
जिससे मैं तुम्हारे नाम को उज्वल कर दूँगा
जल रही है तुम्हारे प्यार की रोशनी जमाने में
बदलते समय में जिन्दगी और मौत पर अब तक उजाला डाल रहा है
तेरा प्यार मेरी मां

राज स्वामी

POET'S NOTES ABOUT THE POEM
मां का प्यार कोई नाप नहीं सकता
मां का प्यार बहुत गहरा है
COMMENTS OF THE POEM
Ravi Kopra 16 May 2018

Thank you Raj. I will be contacting you later within a day or two.

2 0 Reply
Raj Swami 16 May 2018

Your welcome ravi ji I wait for you Please give vote

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